कुछ यात्रा मुकमल होने में कभी कभी उम्र लग जाती है, मेरे लिए सिक्किम यात्रा उनमें से एक ऐसी यात्रा थी (क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि मैं पिछले 11 वर्षों से सिक्किम जाने की योजना बना रहा हूं! पागलपन है ना… अरे ऐसी बहुत त्रासदी है अपनी लाइफ मैं) मैंने सोचा कि चलो दक्षिण-भारत के लिए कुछ योजना बनाते हैं, लेकिन फिर तेज तापमान के स्तर को देखते हुए हमने अपनी योजनाओं को छोड़ दिया और फिर से उत्तर की ओर जाने का फैसला किया, खासकर जब पिछले साल अमृतसर, डलहौजी, खज्जियार, चंबा में हमे खूब आनंद आया था। जैसा कि मैंने कहा मैं पिछले इतने सालों से सिक्किम के बारे में सोच रहा था इसलिए इस बार मैंने अपने आप से कहा अब की बार सिक्किम चलो यार।

अब की बार सिक्किम चलो यार।

 

बिना किसी और विचार के, मैंने जल्दी से बागडोगरा के लिए अपनी उड़ान के टिकट बुक कर लिए। हालांकि टिकट बुक करने के बाद मैंने महसूस किया कि सिक्किम की यात्रा करना भारत के किसी भी अन्य राज्य की यात्रा करने की तुलना में काफी अलग है। सिक्किम के भीतर यात्रा करने के लिए कुछ मार्गों पर इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता होती है। जहां तक ​​मेरा सवाल था इस बार अपना तो ऐसा रवैया था की बस अब क्या था , बोल दिया घर पर चलो बैग उठाओ और चलो सिक्किम की ओर…..

बैग उठाओ और चलो सिक्किम की ओर

 

बागडोगरा के लिए मेरी फ्लाइट via दिल्ली से थी। हम 13.20 बजे बागडोगरा पहुंचे। बागडोगरा से आगे का हमारा सफर पूरी तरह से रोड ट्रिप था। हवाई अड्डे से बाहर निकलकर मैं गंगटोक के लिए टैक्सी की तलाश करने लगा और जैसे हमेशा भारत के किसी भी पर्यटन स्थल पर होता है,वह ही यहां पर मेरे साथ हुआ। आप जैसे हवाई अड्डे से बाहर आते हैं, आप ड्राइवरों, दलालों और भिखारियों से घिर जाते हैं। (मुझे इस अनुभव से बहुत डर लगता है)

 

वैसे भी, हमने तय किया कि हम एक ऑटो लेंगे और सिलीगुड़ी जाएंगे जहां से हम साझा कैब पकड़ेंगे। बात कंजूसी की नहीं थी, बात थी पैसे बचने की, क्योंकि यह ही छोटी छोटी बचत हमारी अगली यात्रा को फाइनेंस करती है 😍 सिलीगुड़ी में हमने शेयरिंग जीप ली, लेकिन लगभग आधे घंटे तक हमारी जीप पर कोई सहयात्री नहीं आया। अब मुझे घबराहट हो रही थी क्योंकि अगर मैं यहाँ से देर से चलूँगा तो गंगटोक पहुँचने में बहुत देर हो जाएगी। मैंने साझा जीप चालक से यह देखने के लिए बात की कि क्या वह मेरे लिए वैकल्पिक व्यवस्था ढूंढ सकता है और सौभाग्य से हमें एक सिक्किम पंजीकरण इनोवा मिल गई जो एनजेपी स्टेशन पर किसी यात्री को छोड़ने आयी थी (इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह विकल्प हमें साझा जीप से अधिक महंगा पड़ता है), बस अपना काम हो गया, बड़ी गाड़ी और हम सिर्फ तीन मुसाफिर…मेरा दीवाना दिल ये बोले ओले ओले गाते हुए हम निकल पड़े।😃😃

गंगटोक के लिए हमारी कार सिलीगुड़ी से निकल पड़ी

 

गंगटोक के लिए हमारी कार सिलीगुड़ी से निकल पड़ी , यात्रा के दौरान पूरे रास्ते बहने वाली तीस्ता नदी मन को बहुत आनंद प्रदान करती रही।

 

तीस्ता नदी मन को बहुत आनंद प्रदान करती रही

 

शाम 5 बजे हम एक होटल में दोपहर के भोजन के लिए रुके, जो संयोग से सभी महिला कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहा था। हमारे पास घर का बने थेपले थे इसलिए हमने दाल तड़का ऑर्डर किया और दोपहर के भोजन का आनंद लिया। रेस्टोरेंट से नज़ारा बेहद खूबसूरत था। एक तरह से मैं अपनी सिक्किम यात्रा के दौरान आने वाली चीजों के लिए टीज़र कह सकता हूं।

रेस्टोरेंट से नज़ारा बेहद खूबसूरत था।

 

मौसम में ठंड बढ़ रही थी और अंधेरा हो गया था, जब हम रंगपो चेक पोस्ट पर पहुंचे। रंगपाे सिक्किम का पहला शहर है जो पश्चिम बंगाल से जुड़ा है। सिक्किम में प्रवेश करने के लिए यहां एक चेक पोस्ट है। यहां हमने अपना आईडी प्रूफ की कॉपी जमा की (कृपया ध्यान दें कि आधार कार्ड काम नहीं करता है, यहां, हमने अपने चुनाव कार्ड की कॉपी जमा की), तस्वीरें और हमारा पूरी तरह से टीकाकरण प्रमाण पत्र की कॉपी दी। जब हमने ऐसा किया तो वहां के कर्मचारी ने एक कागज के टुकड़े पर मुहर लगाई , जिसे हमने गेट पर पुलिस वाले को जमा कर दिया और हम सिक्किम में प्रवेश कर गंगटोक के लिए निकल पड़े .

रंगपो चेक पोस्ट

 

रात के अंधेरे में घुमावदार सड़क से होते हुए हम जल्द ही गंगटोक पहुंच गए। हमारे ड्राइवर ने हमें हमारे होटल में छोड़ दिया। हमारा होटल MG रोड से कुछ ही दूरी पर था। होटल अच्छा था और उस से अच्छी लगी होटल की बालकनी जहां से टिम टिम करती गंगटोक शहर की बत्तियां अपने आप में मंत्रमुग्ध करने वाला नजारा था।

टिम टिम करती गंगटोक शहर की बत्तियां

 

मैने सोचा जब रात में देखने में नज़ारा इतना दिलचस्प है, तो सुबह का नजारा कैसा होगा? मैं वास्तव में सुबह जल्दी उठने और नज़ारे देखने के लिए बहुत उत्सुक था। (हमारी बालकनी से नज़ारा अद्भुत था)

सुबह के खूबसूरत नजारे हमारे होटल की बालकनी से।

होटल के कमरे में बसने के बाद, मैंने अपने अगले दिन के कार्यक्रम की पुष्टि करने के लिए अपने कैब ड्राइवर को फोन किया। टूरपीडिया होलीडेस के मेरे दोस्त रजत शर्मा ने सिक्किम में होटल और टैक्सियों की सारी व्यवस्था की थी और सच कहूं तो सिक्किम में एक अच्छे ट्रैवल एजेंट की जरूरत होती है, नहीं तो बहुत मुश्किल हो सकती है।। हम बहुत थके हुए थे इसलिए जल्दी सो गए। कल से सिक्किम की हमारी खोज यात्रा लाचुंग की यात्रा से शुरू होनी थी, इसलिए ब्लॉग के अगले भाग के लिए बने रहें।

 

ब्लॉग पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद



TRAVELER TIPS 
1.बागडोगरा हवाई अड्डे से गंगटोक के लिए निजी टैक्सी लगभग 3000-4000 रुपये में पलब्ध है
2.जीप शेयर करने के लिए आपको सिलीगुड़ी जाना होगा। 2021 में प्रति व्यक्ति लागत 500-600 रुपये है
3.बागडोगरा हवाई अड्डे से सिलीगुड़ी के लिए ऑटो का किराया 350 रुपये है।
4.यात्रा करने वाले सभी सदस्यों की 5-6 तस्वीरें, चुनाव कार्ड और पूरी तरह से टीकाकरण प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी रखें, भले ही आपने ट्रैवल एजेंट के साथ पैकेज बुक किया हो।
5.यदि बागडोगरा हवाई अड्डे पर देर शाम पहुँचते हैं तो कृपया ध्यान दें कि गंगटोक के लिए टैक्सी रात में नहीं चलती है, इसलिए आपको सिलीगुड़ी में रात बितानी पड़ सकती है।
6.सिलीगुड़ी से गंगटोक के लिए बसें चलती हैं।
 
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admin - Author

Hi, I am Aashish Chawla- The Weekend Wanderer. Weekend Wandering is my passion, I love to connect to new places and meeting new people and through my blogs, I will introduce you to some of the lesser-explored places, which may be very near you yet undiscovered...come let's wander into the wilderness of nature. Other than traveling I love writing poems.

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Aashish Chawla
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